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शिष्य का पत्र गुरू के‌ नाम

शिष्य का पत्र गुरू के‌ नाम ;
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परम श्रद्धेय गुरू जी,
            सादर चरण वन्दना
आपकी कृपा से हम सब सकुशल हैं, आशा है आप भी सकुशल, सानन्द होंगे।
नितान्त ग़रीबी की स्थिति थी मेरी जब देवी मां की कृपा से आपसे मिलना हुआ। स्थिति वश में ईश-भजन और शेरो-शायरी लिखता था।आपने मुझे हिन्दी कविताएं लिखने की प्रेरणा दी।
नितान्त नये विषय पर लिखने की प्रेरणा पा कर मेरी सुप्त कलम जागृत हो गयी‌और मुझे आत्म विश्वास होने लगा। फ़िर आपसे सतत उत्साह-वर्धन प्राप्त कर मैं निश्चिन्त हो कर लिखता रहा और मेरी निजी कविताओं की एक एक कर चार पुस्तकें प्रकाशित हुयीं अन्यथा मेरा यह स्वप्न दिल में ही रह जाता । इसके लिए मैं आपका कृतज्ञ सदा रहूंगा।
कृपया अपना स्नेह इस अकिन्चन पर सदा बनाए रखियेगा।
.............आपका स्नेह पात्र
                     आनन्द

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1 Comments

Diksha Srivastava

21-Aug-2023 01:31 PM

🙏🙏🙏

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